ગુરુવાર, 2 ફેબ્રુઆરી, 2017

ગઝલ - અન્વર સાહેબ

પ્રખ્યાત ભજનિક સ્વ.કાનદાસ બાપુએ ગાયેલી એક ગઝલ
આ રચના દાસ સતાર સાહેબના ગુરુ અન્વર સાહેબની છે
( ભાઈ Hiteshkumar Trivediની માહિતી)
मैं नजर से पी रहा हूं ये शमा बदल ना जाए,
ना झुकाओ तुम निगाहें कहीं रात ढ़ल ना जाए,

मेरे अश्क भी हैं इसमें ये शराब उबल ना जाए,
मेरा जाम छूने वाले तेरा हाथ जल ना जाए,

मेरी जिंदगी के मालिक मेरे दिल पे हाथ रखना,
तेरे आने की खुशी में मेरा दम निकल ना जाए,

मुझे फूंकने से पहले मेरा दिल निकाल लेना,
ये किसी की है अमानत कहीं साथ जल ना जाए,

मैं बना तो लूं नशेमन किसी शाहे गुलिस्तां पे,
कहीं साथ आशियां के ये चमन भी जल ना जाए। -

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